सुन भाई… दो पेग और
उसके नाम पर तो... मोर
मुझको आज कोई टोकना नहीं
कोई पीने से अब मुझे रोकना नहीं
सुन भाई… दो पेग और
उसके नाम पर तो... मोर
हाहाहा… सब पीते हैं ग्लास से
आज मैं पियूंगा अपनी क्लास से
उसके नाम की मिलती हैं तो…
फिर देदे सबको बेहिसाब से
सब पिएँगे… सब जियेंगे
सब पिएँगे… सब जियेंगे
उसके नाम की सब साथ मिलके जय …जय… करेंगे
सुन भाई… दो पेग और
उसके नाम पर तो... मोर
आज तो बिल तेरा भाई देगा… “सच में” (V. O.)?
सबको फ्री…from chillum to somras dega
सुन.. सुन.. सुन!
भाई तेरे भाई को बंदी छोड़ गयी… अकल की खिड़की खोल गयी
रोज़ सुबह जल्दी जगने का… तेरे भाई को चैप्टर दे गयी
सुन भाई… दो पेग और
उसके नाम पर तो... मोर
जानू, बाबू और शोना जपने वालो
टॉमी और शेरू की सूरत में इंसान जैसे दिखने वालो
कह दो अपने घर पे
जा रहे हैं “लव डॉक्टर” के प्रवचन में
जो नहीं सीखा कॉलेज में सीनियर्स के साथ
अब जा रहे हैं उसी मिशन पे
सुन भाई… दो पेग और
उसके नाम पर तो... मोर

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